Sunday, February 16, 2014

Deedaar

सावन का महीना है !!
बारिश कि बूंदे टपक रही है....!!
आँखों में मेरे ,तेरे लिए .....
प्यार बरस रहा है........!!

खुदरत का भी खेल अनोखा है....

न बारिश में हम भीग सकते है !!
नाहीं प्यार का तुझसे इज़हार कर सकते है....!!

करे  तोह सिर्फ एक काम है............
चुपके से दोनों का दीदार कर सकते है...........!!

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